शुक्रवार, 24 मार्च 2017



पूर्व नकलची अड्डा बसंत इण्टर कालिज मीरापुर फिर बना, पैसे के बल पर परिक्षा केन्द्र


पूर्व नकलची अड्डा बसंत इण्टर कालिज मीरापुर फिर बना, पैसे के बल पर परिक्षा केन्द्र 

मीरापुर। मीरापुर क्षेत्रा में वर्षो से शिक्षा के क्षेत्रा में कालिज मालिक जिस प्रकार अपने दम पर मनमानी करते आये है यह किसी से छुपा नही है जिस प्रकार नकल मापिफया वर्षो से क्षेत्रा में अपनी पकड बनाये हुऐ है उनके सामने प्रशासन भी बौना दिखाई देता है जिस प्रकार बंसत इण्टर कालिज मीरापुर नकल का केन्द्र बनकर रह गया था जिसके कारण प्रशासन ने बंसत इण्टर कालिज का सैन्टर समाप्त कर दिया था जब पूर्व में भी चार चार हजार रूपये प्रति छात्रा नकल का ठेका छोडा गया था उसी समय पोल खुल जाने पर बसंत इण्टर कालिज मीरापुर के प्रबंध्क को छात्रो के पैसे वापस करने पडे थे क्षेत्रा में आज भी चर्चा है कि बंसत इण्टर कालिज मीरापुर में वर्तमान में भी पैसे के बल पर खुले आम नकल करायी जा रहीहै एक अध््यापक व कई छात्रो ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जो लोग जैसा पैसा दे रहा है उसे उसी के अनुसार नकल करायी जा रही है जहां का परिक्षा केन्द्र यहंा है उन लोगो से पैसे के बल पर सांठ गांठ  कर ये नकल मापिफया आने गोरख ध्न्ध्े को अन्जाम दे रहे है जबकि प्रशासन बसंत इण्टर कालिज मीरापुर की एक एक बात से वाकिपफ है पिफर भी अध्किारियो की मिली भगत से यहां परिक्षा केन्द्र  बना जिसके कारण आज परिक्षा केन्द्र पर शिक्षा अध्किारियो की मिली भगत से छात्रो के पैसे के बल पर नकल करायी जा रही है वही नकल मापिफयाओ का जाल इतना सख्त है जैसे जैसे उफपर के अध्किारी पफलाईंग स्कायर इध्र का रूख करता है उस से पहले ही परिक्षा केन्द्र पर सूचना आ जाती है कि परिक्षा केन्द्र पर प्रशासन का अमला आ रहा है क्योकि नकल मापिफयाओ ने अपने कुछ ऐजेन्ट ऐसी जगह बैठा रखे है जो तुरन्त ही इसकी सूचना परिक्षा केन्द्र तक देते है एक छात्रा ने बताया कि वाॅटसप के माध््यम से पेपर बहार से तुरन्त ही हल करके मगा लिया जाता है क्योकि कई बार उपस्थित अध््यापक पेपर हल नही कर पाते है इस प्रकार की चर्चा क्षेत्रा में जोरो पर है जबकि बंसत इण्टर कालिज मीरापुर की सैकडो शिकायतो को दरकिनार करते हुऐ प्रशासन ने इस संस्था को परिक्षा केन्द्र बनाया जब कि पूर्व में कई शिक्षा अध्किारियो ने तो यहां तक कहा था कि भविष्य ये बंसत इण्टर कालिज मीरापुर परिक्षा केन्द्र नही बनेगा लेकिन पैसे की महिमा के सामने सब नतमस्तक हो गये है जबकि बसंत इण्टर कालिज मीरापुर एक नकल कराने का अडडा बन चुका है आस पास के क्षेत्रा के अवैध् संस्थाये इसमें अपने छात्रो को इस लालच में एडजैस्ट करते है कि नकल के बल पर पास तो हो जायेगा जिसके कारण इस संस्था में हाईस्कूल व इण्टर के छात्रो की संख्या मानक से भी कही अध्कि होती है यह सब नकल मापिफयाओ का खेल नही तो ओर क्या है इस प्रकार के ओर दूसरे संस्थाये क्षेत्रा में अपने पैर पसार रही है पूर्व में एक सी घटना भी घटी थी जिस छात्रा ने परिक्षा न दी थी वह जिला टाॅपर बन गया था यह सब नकल मापिफयाओ का कमाल नही तो और क्या है पैसे के बल पर शिक्षा का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है इस प्रकार की कार्य प्रणाली से उन छात्रो को ठेस लगती है जो छात्रा नकल रही करते है तथा अपने दम पर परिक्षा देकर अपने आपकेा उफंचे स्थान पर स्थापित करते है यह नकल मापिफया उन छात्रो को ठेंगा दिखा कर पैसे के बल पर परिक्षा दिलाकर शिक्षा को अपने घर की रखैल बना रहे है प्रशासन मूक दर्शक बना है प्रदेश के मुख्यमंत्राी से क्षेत्रा की जनता इस संस्था की जांच कराकर जनहित में नकल पर लगाम लगानी आवश्यक है ।